बुखार से पीड़ित एक कॉलेज सहपाठी ने उसके छात्रावास में राहत की मांग की। जैसे ही वह कपड़े उतारती है, उसके धड़कते हुए कोर पर उसके स्पर्श से एक आनंदमय रिहाई मिलती है, जिससे उसके दर्द को कम किया जाता है। इस यूरोपीय सुंदरता के एकल कार्य ने उसके कायाकल्प और संतुष्टि को छोड़ दिया।