तेजस्वी आबनूस सुंदरी साइबियन पर पहली बार चढ़ती है, उसकी प्रत्याशा स्पष्ट होती है। जैसे ही वह सवारी करती है, उसका आनंद बढ़ता है, विस्फोटक चरमसुख में परिणत होता है। जैसे-जैसे वह उतरती है, बेदम होती जाती है और संतुष्ट होती है, उसकी कच्ची परमानंद की गवाही देती है।